रविवार, 25 मार्च 2007

बड़ रे जतन से (विवाह गीत)

2 टिप्‍पणियां:

  1. "तड़प रहे हैं कोटी-कोटी ग्राम देवता
    अक्षत और जल के बिना ही नग्न मूर्छित हो,
    सूखी आंत, मींचे दांत, पथ्राये हुए नैन
    टकटकी लगाए हैं, पाटने कि ओर, दिल्ली कि ओर ।"
    -- अमोघ
    -- तार स्वर शीर्षक से (मैं तो तेरे पास में)

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  2. "तड़प रहे हैं कोटी-कोटी ग्राम देवता
    अक्षत और जल के बिना ही नग्न मूर्छित हो,
    सूखी आंत, मींचे दांत, पथ्राये हुए नैन
    टकटकी लगाए हैं, पाटने कि ओर, दिल्ली कि ओर ।"
    -- अमोघ
    -- तार स्वर शीर्षक से (मैं तो तेरे पास में)

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